क्रिया किसे कहते हे । kriya kise kahte hai , परिभाषा, भेद एवं उदारहण hindi me

ALL STUDENTS LIFE

क्रिया किसे कहते हे । kriya kise kahte hai

क्रिया हिंदी व्याकरण में एक महत्वपूर्ण भाग है जो किसी काम को करने, होने या बताने के लिए उपयोग होता है। क्रिया वाक्य में कार्य का प्रकटीकरण करती है और वाक्य को सम्पूर्णता देती है।




क्रिया के कितने भेद होते हे । kriya ke kitne bhed hote hai

क्रिया के भेद:

  1. कर्म क्रिया: जब क्रिया किसी कार्य को करने के लिए प्रयोग होती है, जैसे "लिखना", "पढ़ना", "गाना"। उदाहरण: मैं गाना गाता हूँ।
  2. भाव क्रिया: जब क्रिया किसी भाव का प्रकटीकरण करने के लिए प्रयोग होती है, जैसे "खुश होना", "प्यार करना", "दुखी होना"। उदाहरण: मैं खुश हूँ।
  3. स्थान क्रिया: जब क्रिया किसी स्थान के संबंध में प्रयोग होती है, जैसे "बैठना", "खड़ा होना", "पड़ना"। उदाहरण: वह अपने कमरे में बैठा है।
  4. समय क्रिया: जब क्रिया किसी समय के संबंध में प्रयोग होती है, जैसे "आजाना", "जाना", "सोना"। उदाहरण: वे रोज सुबह सोते हैं।

उदाहरण:

  1. कर्म क्रिया:

    • राम बहुत अच्छी तरह से पढ़ता है।
    • मैं टीवी देखता हूँ।
    • वह अपने दोस्तों के साथ खेल रहा है।
  2. भाव क्रिया:

    • वह बहुत खुश है।
    • मैं तुमसे प्यार करता हूँ।
    • उसे दुखी होने का कारण मालूम नहीं है।
  3. स्थान क्रिया:

    • उसने खिड़की को खोला।
    • वे पार्क में घूम रहे हैं।
    • मेरी दादी चाय की कप में दूध डाल रही हैं।
  4. समय क्रिया:

    • मैं रोज़ सुबह उठता हूँ।
    • तुम कब आओगे?
    • उसे रात में नींद नहीं आती है।