छन्द किसे कहते हैं : परिभाषा, प्रकार एवं उदारहण

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छन्द किसे कहते हैं : परिभाषा, प्रकार एवं उदारहण Chhand kise kahte hai.


Chhand kise kahte hai



हेल्लो दोस्तों आज के इस आर्टिकल में मई आपको व्याकरण के एक टॉपिक जो की छन्द जिसके बारे मै मई आपको छन्द किसे कहते हैं, छन्द के प्रकार, छन्द के उदहारण के बारे में बताएँगे | अगर आप वर्ग 5वी 10वीं तक के वर्ग में हे तो ये आर्टिकल आपके लिए हे- तो चलिए छन्द को विस्तार से जानते हे-


साथ ही बता दे की छन्द से जुरे प्रशन आपको दसवी और बारहवी के भी परीक्षा में भी पूछे जाते हे, और अगर आप किसी प्रतियोगिता परीक्षा की भी तयारी कर रहे हे तो आपको प्रायोगिक परीक्षा में भी छन्द से जुरे परशान पूछे जाते हे तो उम्मीद करता हु की इस आर्टिकल को लास्ट तक पढने के बाद आपको छन्द की सारी जानकारी आपको मिल जाएगी-


छन्द किसे कहते हैं

छन्द वह नियम होता है जिसके अनुसार कविता में शब्दों की मात्राओं की विशिष्ट व्यवस्था होती है। यह मात्राओं की गिनती और उनके आवृत्तिकरण के आधार पर निर्धारित होता है जिससे शब्दों की आवाज़ की समर्थन प्रणाली बनाई जा सकती है।


छन्द के प्रकार :

  1. गुणी छन्द: इसमें मात्राएँ, यानी अक्षरों की गिनती, स्थिर रहती हैं, जैसे कि गायत्री छन्द।
  2. अर्धगुणी छन्द: इसमें मात्राएँ या अक्षरों की गिनती अर्धमात्रा बदलते हैं, जैसे कि अनुष्टुभ छन्द।
  3. वृत्तान्त छन्द: इसमें मात्राएँ या अक्षरों की गिनती स्थिर नहीं रहती, जैसे कि त्रिष्टुप छन्द।

छन्द के उदहारण :

1. गायत्री छन्द:

  1. या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता। या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना। या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता।

2. अनुष्टुभ छन्द: या वाग्देवी च परमेश्वरी च। या विद्या दात्री च विनायका च।
या ब्रह्मरूपिणी बिब्रती च मातृका च।

3. त्रिष्टुप छन्द: स न एको अविता जरामर्यो विपश्चित्संयन्दमानो अमीत्रः। अस्य कषायाय धुनिक्षिता अर्वाचीना रदति वां गर्भः।