जयशंकर प्रसाद का जीवन परिचय , माता का नाम, पिता का नाम, जन्म, मृत्यु : jaishankar prasad ka jivan parichay
हेल्लो दोस्तों आज के इस आर्टिकल में मई आपको जयशंकर प्रसाद का जीवन परिचय के बारे में विस्तार से बताऊंगा जो भी विद्यार्थि वर्ग 10वीं और 12वीं के परीक्षा की तयारी कर रहे हे या करने की सोच रहे हे तो ये आर्टिकल उनके लिए ही हे, बाकि आप अपने जानकारी के लिए भी इस आर्टिकल को पढ़ सकते हे- तो चलिए मई आपको जयशंकर प्रसाद का जीवन परिचय के बारे में विस्तार से बताता हूँ-
जयशंकर प्रसाद का जीवन परिचय : jaishankar prasad ka jivan parichay
जयशंकर प्रसाद (Jayashankar Prasad) भारतीय साहित्य के विख्यात कवि और नाटककार थे, जिन्हें हिंदी साहित्य के आदिकवि में से एक माना जाता है। उनका जन्म 30 जनवरी, 1889 को वाराणसी, उत्तर प्रदेश (भारत) में हुआ था और उनका नाम जयशंकर प्रसाद साहू था। उनके पिता का नाम बाबू देवकी प्रसाद था, जिन्होंने उन्हें वेद, संस्कृत, और हिंदी के शिक्षक बनाया।
जयशंकर प्रसाद ने अपनी पढ़ाई को वाराणसी, उत्तर प्रदेश, और कलकत्ता (अब कोलकाता) में पूरा किया। उन्होंने कलकत्ता विश्वविद्यालय से एमए (Master of Arts) की उच्चतर शिक्षा प्राप्त की। जयशंकर प्रसाद के बाद उन्होंने विदेशों में भी अध्ययन किया और जर्मनी में फ्रांकफुर्ट विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की।
उनके साहित्यिक करियर की शुरुआत सिर्फ गद्य (उपन्यास) से हुई, लेकिन बाद में उन्होंने काव्य (कविता) के क्षेत्र में भी अपने कौशल का प्रदर्शन किया। उनकी पहली काव्यकृति "कामायनी" (Kamayani) 1936 में प्रकाशित हुई थी, जिसे विश्वसाहित्य में एक महत्वपूर्ण काव्य ग्रंथ माना जाता है।
उनकी अन्य प्रमुख कृतियों में "स्कंदगुप्त" (Skandagupta), "चंद्रगुप्त" (Chandragupta), "हरशचरित" (Harshacharit) और "आज़ादी की लड़ाई" (Azadi Ki Ladaai) शामिल हैं।
नाम | जयशंकर प्रसाद |
पूरा नाम | जयशंकर प्रसाद साहू |
कलम नाम | प्रसाद |
जन्म तिथि | 30 जनवरी 1889 |
जन्म स्थान | वाराणसी, उत्तर प्रदेश (भारत) |
मृत्यु तिथि | 15 मार्च 1937 |
मृत्यु स्थान | वाराणसी, उत्तर प्रदेश (भारत) |
आयु (मृत्यु के समय) | 48 वर्ष |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
व्यवसाय | कवि, कहानीकार, नाटककार, उपन्यासकार |
भाषा | संस्कृत प्रधान |
शैली | अलंकृत एवं चित्रोपम |
नाटक | चन्द्रगुप्त, स्कन्दगुप्त, अजातशत्रु |
कहानी संग्रह | इन्द्रजाल, आँधी |
शिक्षा | संस्कृत, फारसी तथा अंग्रेजी शिक्षा का घर पर ही ज्ञान प्राप्त किया। स्वाध्याय द्वारा विविध विषयों का अध्ययन |
पत्नी का नाम | कमला देवी |
पिता का नाम | बाबू देवकी प्रसाद |
- रामधारी सिंह दिनकर
उन्हें राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय साहित्य सम्मानों से नवाजा गया और उन्होंने भारत सरकार के सांस्कृतिक और शिक्षा विभाग में भी उच्च पदों पर कार्य किया।
जयशंकर प्रसाद 15 मार्च, 1937 को लखनऊ, उत्तर प्रदेश में निधन हो गए, लेकिन उनकी कविताएँ और लेखनी उनकी दुर्लभ साहित्यिक विरासत के रूप में आज भी हमारे सामाजिक और सांस्कृतिक चेतना को प्रेरित करती हैं।