मुंशी प्रेमचंद का जीवन परिचय, रचनाएँ, माता का नाम, पिता का नाम , जन्म, : Munshi Premchand Ka Jeevan Parichay
मुंशी प्रेमचंद का जीवन परिचय
मुंशी प्रेमचंद 31 जुलाई, 1880 को उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर में जन्मे। उनके पिता का नाम आजादेव था और उनकी माता का नाम अनंदीदेवी था। उनके पिता एक अधिकारी थे और उनका परिवार गरीबी में रहता था। मुंशी प्रेमचंद को शिक्षा के महत्व का आदर्शवादी मानने वाले अपने पिताजी ने बचपन से ही अच्छी शिक्षा प्रदान की। उन्होंने नामकरण के समय ही उनका नाम "धनपतराय" से "मुंशी प्रेमचंद" रख दिया था।
मुंशी प्रेमचंद की रचनाओं में सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों के प्रतिष्ठान्ता और मानवीय प्रेम की एक अद्वितीय अभिव्यक्ति है। उनकी रचनाओं में स्वतंत्रता संग्राम काल की विभिन्न पहलुओं को व्यक्त किया गया है। उनके उपन्यास "गबन", "रंगभूमि", "काफ़न", "नाईसाफ़" आदि उनकी प्रमुख कादंबरियाँ हैं।
मुंशी प्रेमचंद के कार्यकाल में उन्होंने विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में लेखन की प्रशंसा और साहित्यिक महत्वपूर्णता प्राप्त की। उन्होंने समाजवादी विचारधारा और मानववाद के मुद्दों को अपनी रचनाओं में प्रस्तुत किया था। उनकी रचनाओं में गहरे राजनीतिक और सामाजिक संकट का भावात्मक अनुभव प्रत्यक्ष होता है।
मुंशी प्रेमचंद ने हिंदी साहित्य के क्षेत्र में एक महत्त्वपूर्ण स्थान स्थापित किया है और उनकी रचनाएँ आज भी व्यापक रूप से पठित और प्रशंसा की जाती हैं। उनका लेखन व्यापक रूप से आधुनिक है और आज भी पाठकों को गहरे विचारों और मनोवैज्ञानिक पहलुओं के साथ प्रभावित करता है।
नाम | प्रेमचन्द |
उपनाम | मुंशी प्रेमचंद, कलम के सिपाही, नवाब राय |
बचपन का नाम | धनपत राय श्रीवास्तव |
जन्म तिथि | 31 जुलाई 1880 ई॰ |
जन्म स्थान | लमही, वाराणसी, उत्तर प्रदेश (भारत) |
मृत्यु तिथि | 8 अक्टूबर 1936 ई॰ |
मृत्यु स्थल | वाराणसी, उत्तर प्रदेश (भारत) |
आयु (मृत्यु के समय) | 56 वर्ष |
व्यवसाय | लेखक, अध्यापक, पत्रकार |
अवधि काल | आधुनिक काल |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
धर्म | हिंदू |
भाषा | हिंदी, उर्दू |
पिता | अजायब राय |
माता | अनंदीदेवी |
बहन | सुग्गी राय |
पत्नी | शिवरानी देवी (विवा 1906 - 1936) |
बच्चे | अमृत राय, कमला देवी, श्रीपत राय |
प्रमुख कृतियाँ | गोदान, गबन, कर्मभूमि, रंगभूमि, सेवासदन, निर्मला, प्रेमाश्रम |
मुंशी प्रेमचंद का जीवन परिचय
मुंशी प्रेमचंद की रचनाओं में कई और महत्वपूर्ण कहानियाँ और उपन्यास शामिल हैं। यहां कुछ उनकी प्रमुख रचनाएँ हैं:
- 'गोदान' (Godan): यह उनका सबसे प्रसिद्ध उपन्यास है, जिसमें वह ग्रामीण भारतीय समाज की समस्याओं, गरीबी, किसानों की जिंदगी, सामाजिक न्याय और धार्मिक मुद्दों को प्रस्तुत करते हैं।
- 'काफ़न' (Kafan): इस कहानी में प्रेमचंद समाज में मौजूद गरीबी, अशिक्षा और मृत्यु के मुद्दों को जीवंत करते हैं।
- 'रंगभूमि' (Rangbhoomi): यह उनका एक नाटक है, जिसमें उन्होंने सामाजिक न्याय, राजनीति, व्यापार और लोगों के सामरिकता जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया है।
- 'गबन' (Gaban): यह उपन्यास व्यापार, संघर्ष, धोखाधड़ी, और आध्यात्मिकता के मुद्दों को छूने वाली कहानी है।
- 'इदगाह' (Idgah): यह कहानी एक छोटे ग्रामीण लड़के की कठिनाईयों, सामरिकता, और निराशा को दिखाती है जब वह ईद के दिन एक दुकान में छोटी सी चीज़ खरीदने जाता है।
- 'प्रेमा' (Preme): यह कहानी मानवीय प्रेम, समाजिक प्रतिष्ठा, और सामाजिक परिवर्तन के मुद्दों को उठाती है।
- 'कान्हा' (Kanha): इस कहानी में प्रेमचंद ने ब्रिटिश शासनकालीन भारत के समाज, राजनीति, और स्वतंत्रता संग्राम के मुद्दों को दिखाया है।