संधि किसे कहते हैं : परिभाषा, भेद एवं उदारहण sandhi kise kahate hain
हेल्लो दोस्तों, आज के इस आर्टिकल में हम आपको व्याकरण के टॉपिक संधि के वारे में विस्तार में बताएँगे जहा पे आपको संधि किसे कहते हे, संधि के भेद, संधि के उधाहरण, विस्तार में बताएँगे जो की आपको वर्ग 5,6,7,8,9,10,11 और 12 वी के विद्यार्थियोंके लिए बहुत ही जायदा महत्वपूर्ण हे जो की आपको हिंदी व्याकरण के परीक्षा में भी पूछी जाती हे, तो चलिए संधि को विस्तार से जाने-
संधि किसे कहते हैं : sandhi kise kahate hain
संधि को संस्कृत व्याकरण में दो शब्दों का मिलन होता है। "सम्" और "धि"। "सम्" शब्द का अर्थ है 'मिलन' या 'संयोजन', और "धि" शब्द का अर्थ है 'धारण' या 'धारित'। इसे दो वर्णों, दो पदों, या दो शब्दों के बीच में आने वाला संबंधितता कहा जा सकता है। संधि एक विधि है जिससे दो पदों के आखरी वर्णों को मिलाकर उन्हें एक ही पद बना दिया जाता है। यह संधि प्रक्रिया संस्कृत में शब्दों को विभक्ति, वचन, पुरुष आदि के अनुसार समझने में सहायक होती है।
संधि के भेद: sandhi ke bhed
1. स्वर संधि किसे कहते हे : swar sandhi kise kahate hain
जब दो वर्ण एक साथ आते हैं और एक नए वर्ण के रूप में मिल जाते हैं, तो इसे वर्ण संधि कहते हैं।
उदाहरण के लिए: अ + उ = औ (शब्द: औषधि)
जब विसर्ग (अनुनासिक) ध्वनि "ः" एक अकार्थक वर्ण से पहले आता है और उसके साथ एक वर्ण मिल जाता है, तो इसे विसर्ग संधि कहते हैं।
उदाहरण के लिए: न + ः = ँ (शब्द: नः)
3. व्यंजन संधि किसे कहते हे : vyanjan sandhi kise kahate hain
जब दो व्यंजन वर्णों का मिलन होता है और नए व्यंजन के रूप में मिल जाते हैं, तो इसे व्यंजन संधि कहते हैं। उदाहरण के लिए: क + ष = ख (शब्द: अक्ष)
उदाहरण:
1. संधि विच्छेद: द्वौ पदौ भवतः। (शब्द: भवतः = भव + तः) अर्थ: दो पद भवता हैं।2. वर्ण संधि: आत्मा अविद्यया बद्धः। (शब्द: अविद्यया = अविद्या + या) अर्थ: आत्मा अविद्या से बद्ध है।
3. विसर्ग संधि: रामः अयम्। (शब्द: अयम् = अः + अयम्) अर्थ: यह राम है।