समास किसे कहते हे, समास के भेद, और उदाहरन : Samas Kise Kahte he
हेल्लो दोस्तों, आज के आर्टिकल में मई आपको समास, समास के प्रकार उसके भेद के बारे में विस्तार से बताऊंगा जो की आपको वर्ग 9से 12वी तक क्व विद्यार्थियोंके लिए बहुत जरूरी हे जो की आपको हिंदी के परीक्षा में और किसी भी प्रतियोगिता में पूछा जाता हे, तो चलिए समास को विस्तार से देखते हे-
समास किसे कहते हे-
समास एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ होता है "सम्यक् आस्ते इति समासः" यानी "संगठित रूप से रहना।" समास वह शब्द होता है जिसमें दो या दो से अधिक पदों को जोड़कर एक नया पद बनाया जाता है। समास के माध्यम से शब्दों की व्याकरणिक एकता एवं संक्षेपण किया जाता है। समास के प्रकार निम्नलिखित होते हैं:
समस के भेद-
- तत्पुरुष समास: इसमें दोनों पद ऐसे होते हैं जो मिलकर किसी तीसरे पद का बोध करते हैं। यह समास क्रिया विशेषण या संज्ञा विशेषण की प्रधानता से बनते हैं। उदाहरण: गुलाबकुमुद, राजधानी, विद्यालयमित्र
- बहुव्रीहि समास: इसमें दोनों पद ऐसे होते हैं जिनका अर्थ दोनों से अधिक होता है और जो एक ही शब्द के रूप में उपयोग होते हैं। उदाहरण: दुग्धधेनु (दूध और घी देने वाली गाय), चित्रकार (चित्र बनाने वाला कलाकार)
- कर्मधारय समास: इसमें दोनों पदों का विग्रह किसी तीसरे पद द्वारा होता है। यह समास क्रिया के द्वारा बनते हैं। उदाहरण: गायहिन, वनवासी, राजधानीगमन
- द्वंद्व समास: इसमें दोनों पदों का समन्वय होता है, जिससे उनका अर्थिक अभिव्यक्ति और शक्ति बढ़ती है। उदाहरण: सुखदुःख, देशविदेश, श्रमविश्राम
- अव्ययीभाव समास: इसमें एक पद एवं अव्यय का संयोजन होता है और इसका पूरा अर्थ अव्यय से ही प्राप्त होता है। उदाहरण: तुरन्त, उपरांत, काफी
उदाहरण:
- देशविदेश (देश + विदेश) - विदेश में जाने वाला व्यक्ति
- गुलाबकुमुद (गुलाब + कुमुद) - कुमुद की मधुर महक वाला फूल
- दुग्धधेनु (दुग्ध + धेनु) - जिस गाय का दूध देने की विशेषता हो
- सुखदुःख (सुख + दुःख) - सुख और दुःख, जीवन के दो पहलू।
- राजधानीगमन (राजधानी + गमन) - राजधानी के जाने की क्रिया या यात्रा।
इस तरह समास के माध्यम से शब्दों को संक्षेपण किया जाता है और भाषा का उपयोग सुलभ और प्रभावशाली बनाया जाता है।